Complaint

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Surya Prakash Shahi
Country: India
ऐ मेरे हमनशीं चल कहीं और चलें
इस चमन में अब अपना गुज़ारा नहीं
बात होती फूलों तक तो सह लेते हम
अब तो काँटों पे भी ,हक़ हमारा नहीं

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